तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

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मंगलोर हादशा


मंगलोर हादशा : हवाई जहाज में बेवक्त मरे गए लोगों को मेरी अश्रुपूरित SHRADDHANJALI


मंगलोर में विमान दुर्घटना में 159 की मौत
मंगलोर। एयर इंडिया का बोइंग एक्सप्रेस 737 शनिवार को दुबई से 166 लोगों को लेकर उड़ा, तो किसी को नहीं मालूम था कि काल उसका इंतजार कर रहा है। सुबह साढ़े छह बजे मंगलोर के बाजपे एयरपोर्ट पर उतरने के दौरान नए रनवे पर यह विमान क्रैश हो गया। विमान में सभी यात्री भारतीय थे। जिनमें से अधिकतर केरल के निवासी थे। दुर्घटना में 159 लोगों की मौत हो गई। केवल सात जीवित बचे। सभी अस्पताल में भर्ती हैं।
यह हवाई अड्डा एक पहाड़ी पर बना हुआ है और इसे देश में लैंडिंग के लिए सबसे कठिनतम एयरपोर्ट में से एक माना जाता है।
मुंबई में एयर इंडिया के विभागीय निदेशक अनूप श्रीवास्तव ने बताया, 'विमान रनवे से बाहर निकल गया और दीवार तोड़ता हुआ घाटी में जा गिरा। प्राप्त सूचना के मुताबिक आठ लोगों को बचाया गया था जिन्हें इलाज के स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। एक व्यक्ति ने अस्पताल ले जाते हुए दम तोड़ दिया।'
दुर्घटना के सही कारणों का अभी तक पता नहीं चला है। विमान को सर्बियाई मूल के ब्रिटिश पायलट 55 वर्षीय कैप्टन ज्लाको ग्लूसिका उड़ा रहे थे। ग्लूसिका के पास विमान उड़ाने का 10 हजार घंटे का अनुभव था। विमान में 160 यात्री [137 वयस्क, 19 बच्चे और 4 नवजात शिशु] और 6 क्रू मेंबर थे।
-पहाड़ और परेशानियां : मंगलोर का बाजपे एयरपोर्ट चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। ऊंचाई पर स्थित पर होने के कारण दमकलकर्मियों को दुर्घटनास्थल तक पहुंचने में काफी परेशानी हुई।
हादसे के करीब छह घंटे के बाद तक दुर्घटनास्थल पर आग की लपटें दिखाई देती रहीं। पुलिस का कहना है कि 65 शव पूरी तरह झुलस चुके हैं। हादसे के करीब छह घंटे के बाद तक दुर्घटनास्थल पर आग की लपटें दिखाई देती रहीं। विमान में सवार ज्यादातर यात्री केरल के थे।
-आग लगी और टूट गया विमान : मंगलोर एयरपोर्ट को किसी भी उड़ान या लैंडिंग के लिए कुछ घंटों तक बंद करने के बाद खोल दिया गया है। हवाई अड्डे के अधिकारियों के मुताबिक, 'उतरने के दौरान विमान पहाड़ी से टकराया और रनवे से बाहर निकल गया। हादसा तब हुआ जब लैंडिंग के दौरान पायलट ने टेक आफ [उड़ान भरने] करने की कोशिश की।' जब विमान लैंडिंग कर रहा था, तो बादल छाए हुए थे। यही नहीं इस नए रनवे को महज 10 दिन पहले ही खोला गया था।
गिरने के बाद जहाज टूटा और उसमें से धुआं निकलने लगा। रिपोर्टो के अनुसार आग लगने के बाद विमान में विस्फोट हो गया। विमान पूरी तरह जल चुका था और उसका केवल पिछला हिस्सा ही दिखाई दे रहा था। ब्लैक बाक्स की खोज भी की जा रही है जिससे दुर्घटना के कारणों का पता लग सकेगा। एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक लैंडिंग के दौरान विमान का एक टायर फट गया था।
-रोशनी की समस्या नहीं थी : भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के चेयरमैन वी.पी. अग्रवाल ने बताया, 'जब विमान एयरपोर्ट पर उतर रहा था तो दृश्य क्षमता 7 किमी थी जो आवश्यक क्षमता से कहीं ज्यादा है। हमें पायलट से कोई गड़बड़ी की सूचना भी नहीं मिली थी। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय [डीजीसीए] दुर्घटना की पूरी जांच कराएगा। रनवे पर किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है। 2006 से एयरपोर्ट का काम शुरू होने के बाद से अधिकारी सुरक्षा उपायों पर नजर रख रहे थे।'
देश में प्रमुख हवाई दुर्घटनाएं
सात जुलाई, 1962 : सिडनी से आ रहा एलिटेलिया का विमान मुंबई के पास एक पहाड़ी में दुर्घटनाग्रस्त। 94 लोगों की मौत।
एक जनवरी, 1978 : एयर इंडिया का विमान अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त। 213 की मौत।
21 जून, 1982 : एयर इंडिया का विमान मुंबई हवाईअड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त। 111 यात्रियों में 17 की मौत।
19 अक्टूबर, 1988 : अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त। 129 यात्रियों में 124 की मौत।
14 फरवरी, 1990 : बेंगलूर में एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त। 146 यात्रियों में से 92 की मौत।
16 अगस्त, 1991 : एयर इंडिया का विमान इंफाल में दुर्घटनाग्रस्त। 69 यात्रियों की मौत।
26 अप्रैल, 1993 : महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त। 118 यात्रियों में 55 की मौत।
12 नवंबर, 1996 : सऊदी अरब एयरलाइंस का विमान हरियाणा के चरखी दादरी के निकट कजाखिस्तान एयरलाइंस के विमान से टकराया। सभी 349 यात्रियों की मौत।
17 जुलाई, 2000 : पटना हवाईअड्डे पर अलाइंस एयर फ्लाइट का विमान दुर्घटनाग्रस्त। 60 यात्रियों की मौत।
चार सितंबर, 2009 : मुंबई हवाईअड्डे पर एयर इंडिया के विमान के इंजन ने आग लगने से 21 यात्रियों को मामूली चोटें आई।
2010 : हवा में हादसों का साल
-यह साल अभी आधा भी नहीं गुजरा है। लेकिन इसने दुनिया को बड़े हवाई हादसे दिए हैं। 2010 की बड़ी विमान दुर्घटनाओं पर एक नजर :
भारत
तारीख : 22 मई, 2010
समय : सुबह 6.30
स्थान : मंगलोर, भारत
संचालक : एयर इंडिया एक्सप्रेस
एयरक्राफ्ट : बोइंग 737
-मंगलोर में शनिवार को दुबई से आ रहा एयर इंडिया एक्सप्रेस मंगलोर हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें सवार 166 यात्रियों में 159 लोग मारे गए।
अफगानिस्तान
तारीख : 17 मई, 2010
स्थान : सालंग दर्रा, अफगानिस्तान
संचालक : पामीर एयरलाइंस
एयरक्राफ्ट : एंटोनोव एएन-24बी
-उत्तरी काबुल से 60 मील की दूरी पर सालंग दर्रे में विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार छह चालक दल समेत 44 यात्रियों की मौत हो गई।
लीबिया
तारीख : 12 मई, 2010
स्थान : त्रिपोली, लीबिया
संचालक : अफ्रीकिया एयरवेज
एयरक्राफ्ट : एयरबस ए 330-202
-जोहांसबर्ग से त्रिपोली आ रहा विमान त्रिपोली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें 103 लोग मारे गए। आठ साल का एक डच लड़का चमत्कारी ढंग से जिंदा बचा।
रूस
तारीख : 10 अप्रैल, 2010
समय : सुबह 10.41
स्थान : स्मोलिंस्क, रूस
संचालक : मिलिट्री -पालिश एयर फोर्स
एयरक्राफ्ट : टूपोलेव 154 एम
रूस के स्मोलिंस्क क्षेत्र में हुई विमान दुर्घटना में पोलैंड के राष्ट्रपति लेक काजिंस्की और उनकी पत्नी माना समेत 96 लोगों की मौत हो गई। यह हादसा घने कोहरे में विमान उतारने की कोशिश में हुआ।
लेबनान
तारीख : 25 जनवरी, 2010
स्थान : आफ नाममेह, लेबनान
संचालक : इथोपियंस एयरलाइंस
एयरक्राफ्ट : बोइंग 737-8एएस
लेबनान की राजधानी बेरूत से उड़ान भरने के कुछ देर बाद विमान का रडार से संपर्क टूट गया और वह दुर्घटनाग्रस्त होकर भूमध्यसागर में गिर गया। विमान में सवार सभी 90 यात्रियों की मौत हो गई।