तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

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राज की दर्द भरी शायरी

Sad Hindi Shayri and Dard SMS


लव शायरी: हिन्दी दर्द भरी शायरी

जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं
क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं
तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ
गम छुपा के हंसने वाले "राज" भी कम नहीं।

jinki ankhe aansu se nam nahi,
kya samajte ho use koi gum nahi,
tum tadapke ro diye to kya hua,
gum chupake hasne wale "राज" be kam nahi..

नसीब से फरियाद तो कर सकते हैं
वीरानों को आबाद तो कर सकते हैं
क्या हुआ आप से मिल नहीं सकते
एस एम एस भेज कर आप को याद तो कर सकते हैं।

Naseeb se fariyaad to kar sakte hai,
virano ko abaad to kar sakte hai,
kya hua apse mil nahi sakte,
SMS bhej kar apko yaad to kar sakte hai.

काश कोई "राज" पर प्यार जताता
हमारी आंखों को अपने होंठों से छुपाता
हम जब पूछते कौन हो तुम
मुस्कुरा कर वो अपने आप को हमारी जान बताता।

Kash koi hm par pyar jatata
Humari ankho ko apne hatho se chupati
Hm jb puchte kaun ho tum
Muskurakar vo apne aap ko humari Jaan batati!

हमारी खामोशी हमारी आहट है
हमारी आंखें हमारी चाहत हैं
हमारी जिंदगी अगर खूबसूरत है
तो उसकी वजह बस "राज" की मुस्कुराहट है।

Hamari khamoshi hamari aahat hai,
Humari aankhe hamari chahat hai,
Humari zindgi agar khubsurat hai
to uski vajah bas aapki muskurahat hai.

दोस्तों में जब दरार बढ़ जाती है
तड़पने के लिये सिर्फ याद रह जाती है
क्या फर्क पड़ता है कागज हो या कोयला
जलने के बाद "राज" सिर्फ याद रह जाती है।

Dosto me jab dooria badh jati hai,
tadapne k liye sirf yaad rah jaati hai,
kya fark padta h kagaj ho ya koyla,
jalne k bad sirf rakh rah jati hain.

पानी से तसवीर कहां बनती है
ख्वाबों से तकदीर कहां बनती है
किसी से दोस्ती करो तो सच्चे दिल से
क्य़ॊंकि "राज" जिंदगी फिर कहां मिलती है …!!!

paani se tasvir kahan banti hai,
khwabo se taqdeer kaha banti hai,
kisi se dosti karo to sachhe dil se,
kyunki ye zindagi phir kahan milti hai….!!!

हर सुबह को अपनी सांसों में रखो
हर शाम को अपनी बाहों में रखो
हर जीत "राज" की है बस
अपनी मंजिल को अपनी निगाहों में रखो।

Har Subah Ko Apni Sanso Me Rakho
Har Shaam Ko Apni Baahon Me Rakho
Har “JEET” Aapki Hai Bus
Apni “MANZIL”Ko Apni Nigaho Me Rakho

तू कहीं भी रहे सर पर तेरे इलजाम तो है
तेरे होंठों की लकीरों पे मेरा नाम तो है
मुझको अपना बना या ना बना
तू मेरे नाम से बदनाम तो है।

Tu kahi bhi rahe sar par tere ilzaam to he
tere hatho ki lakiro me mera naam to he
mujhko apna bana ya n bana
tu mere nam se badnam to he

ऐसा नहीं कि आप याद आते नहीं
खता सिर्फ इतनी है कि हम बताते नहीं
रिश्ता आपका अनमोल है हमारे लिये
समझते हो आप इसलिये हम जताते नहीं।

Aisa nahi k aap yaad aate nahi,
khata sirf itni hai k hum batate nahi,
rishta aapka anmol hai hamare liye,
samjhte ho aap isleye hum jatate nahi…

उसकी आंखों में "राज" ने वफा देखी थी
महकती फूलों कि अदा देखी थी
ये ना सोचा था वो बेवफा होगा
उसमें तो चाहत की इंतहा देखी थी।

Uske ANKHO me WAFA dekhi thi,
MEHEKTI phulo ki ADA dekhi thi.
Ye na SOCHA thA wo BEWAFA hoga,
usme to CHAHAT ki INTEHA dekhi thi.

इतना बिजी भी ना रहा करो
कभी हमें भी याद कर लिया करो
शेरो शायरी ना आती हो ना सही
आये हुए मैसेज ही "राज" फारवर्ड कर दिया करो

Itna busy b na raha karo,
kabhi hame bhi yaad kar liya karo.
Shero-Shayari na aati ho na sahi.
Aaye hue Message hi forward kar diya karo.

वो "राज" को पत्थर और खुद को
फूल कह कर मुस्कुराया करते हैं
उन्हें क्या पता कि पत्थर तो पत्थर ही रहते हैं
फूल ही मुरझा जाया करते हैं।

Wo Hum Ko Pathar or Khud Ko
Phool Keh Kar Muskaraya Karte Hai
Unhain Kya Pata Ki Patthar To Patthar Hi Rehte Hai
Phool Hi Murjaya Karte Hai.

आज कुछ कमी है तेरे बगैर
ना रंग है ना रोशनी है तेरे बगैर
वक्त अपनी रफ्तार से चल रहा है
बस धड़कन सी थमी है तेरे बगैर।

Aaj kuch kami hai tere bagair,
Na rang hai na roshni hai tere bagair.
Waqt apni raftar se chal raha hai,
Bas dhadkan si thami hai tere bagair.

मुद्दत से तमन्ना हुई अफसाना न मिला ……
हम खोजते रहे मगर ठिकाना न मिला …………..
लो आज फिर चली गई जिंदगी नजरो के सामने से ……
और उसे कोई रुकने का बहाना न मिला

ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,
"राज" को तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ,
तेरी गलियों में फिरना इतना अच्छा लगता है,
मैं रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भूल जाता हूँ।


गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया! 
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया! 
थक के जब सितारों से पनाह ली! 
नींद आई तो "राज" को तेरी याद ने सोने न दिया!


मैंने अपनी हर एक सांस तुम्हारी गुलाम कर रखी हैं .. 
लोगो मैं ये ज़िन्दगी बदनाम कर रखी हैं .. 
अब ये आइना भी क्या काम का मेरे … 
मैंने तौ अपनी परछाई भी तुम्हारे नाम कर रखी हैं ….


तेरी आवाज़ की शहनाइयों से प्यार करते हैं….. 
तस्सवुर मैं तेरे तन्हाईओं से प्यार करते हैं ….. 
जो मेरे नाम से तेरे नाम को जोड़े ज़माने वाले … 
अब "राज" उन चर्चों से प्यार करते हैं …

अपने लफ़्ज़ों से चुकाया है किराया इसका, 
दिलों के दरमियां यूँ मुफ्त में नहीं रहती, 
साल दर साल मै ही उम्र न देता इसको, 
तो ज़माने में मोहब्बत जवां नहीं रहती…

ज़िन्दगी हसीन है , ज़िन्दगी से प्यार करो ….. 
हो रात तो सुबह का इंतज़ार करो ….. 
वो पल भी आएगा, जिस पल का इंतज़ार हैं आपको…. 
बस रब पर भरोसा और वक़्त पे ऐतबार करो ….

किसी के दिल में बसना कुछ बुरा तो नही; 
किसी को दिल में बसाना कोई खता तो नही; 
गुनाह हो यह ज़माने की नजर में तो क्या; 
यह ज़माने वाले कोई खुदा तो नही!

कोई शायर तो कोई फकीर बन जाये; 
आपको जो देखे वो खुद तस्वीर बन जाये; 
ना फूलों की ज़रूरत ना कलियों की; 
जहाँ आप पैर रख दो वहीं कश्मीर बन जाये।

जब भी तेरे बिना रात होती हैं ….. 
दीवारों से अक्सर बात होती हैं ……… 
सन्नटा पूछता हैं हमारा हाल हम से …… 
और बस तेरे नाम से ही शुरुआत होती हैं …..

किसी के दिल मैं बसना बुरा तो नहीं … 
किसी को दिल मैं बसाना खता तो खता तो नहीं … 
है, ये ज़माने के नज़र मैं बुरा तो क्या हुआ .. 
ज़माने वाले भी इंसान हैं कोई खुद तो नहीं
राजेश मिश्रा, कोलकाता